
भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को यमन में अपने बिज़नेस पार्टनर तलाल अब्दो महदी की हत्या का दोषी ठहराया गया था। 2020 में उन्हें फांसी की सज़ा सुनाई गई और 2017 से वे सना की जेल में बंद हैं। 16 जुलाई 2025 को उन्हें फांसी दी जानी थी, लेकिन ऐन मौके पर सज़ा टाल दी गई।
ग्रैंड मुफ्ती के दावे पर विवाद
भारत के ग्रैंड मुफ्ती शेख अबूबकर अहमद ने दावा किया कि उन्होंने यमन के सूफी विद्वान शेख हबीब उमर के साथ मिलकर ब्लड मनी के जरिए निमिषा को माफी दिलवाने की कोशिश की। लेकिन पीड़ित के भाई अब्दुल फतह महदी ने इसे झूठा करार देते हुए फेसबुक पोस्ट में कहा, “हमने ग्रैंड मुफ्ती से कभी बात नहीं की, ना ही करना चाहते हैं।”
❝ प्रतिशोध का कोई विकल्प नहीं है। हमें इंसाफ चाहिए। ❞ – अब्दुल फतह महदी
8.6 करोड़ की ब्लड मनी का ऑफर, लेकिन…
निमिषा की मां ने तलाल के परिवार को 8.6 करोड़ रुपये की ब्लड मनी की पेशकश की, ताकि शरिया कानून के तहत माफ़ी मिल सके। लेकिन परिवार ने साफ कहा कि वे माफी नहीं, सिर्फ इंसाफ और फांसी चाहते हैं।
कौन हैं ग्रैंड मुफ्ती शेख अबूबकर अहमद?
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भारत के 10वें ग्रैंड मुफ्ती
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सुन्नी मुस्लिम समुदाय के प्रमुख

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ऑल इंडिया सुन्नी जमीयतुल उलेमा के महासचिव
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शांति वार्ता और मध्यस्थता के प्रयास में अग्रणी माने जाते हैं
तलाल के परिवार की मांग: अब और देर नहीं
अब्दुल फतह महदी ने साफ कहा, “अगर माफी होती तो हम खुद घोषणा करते। अब सरकार को फांसी की नई तारीख तय करनी चाहिए।”
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